बीसीसीएल और जिला प्रशासन की टीमें बीसीसीएल इंस्टीट्यूशनल ट्राफी के फाइनल में पहुंच गई है। धनबाद क्रिकेट संघ की ओर से आयोजित इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में रविवार को बीसीसीएल ने आइआइटी आइएसएम को 64 रनों से हराकर खिताबी मुकाबले में अपनी जगह बनाई तो वहीं दूसरे सेमीफाइनल में जिला प्रशासन ने मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) को पांच विकेट से हराकर फाइनल में अपना स्थान पक्का किया।
टाटा डिगवाडीह स्टेडियम में रविवार को खेले गए पहले सेमीफाइनल में टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए बीसीसीएल ने निर्धारित बीस ओवरों में सात विकेट पर 169 रन बनाए। सिद्धार्थ सुमन ने 34 गेंदों में 64 रनों की आक्रामक पारी खेली जिसमें चार चौके व पांच छक्के शामिल थे। वहीं पारी के अंत में इंद्रजीत कुमार ने 17 गेंदों में 39 और शिवराम कुमार ने सात गेंदों में 18 रन बनाकर नाबाद रहे। इन दोनों ने आठवें विकेट के लिए 50 रनों की अविजित साझेदारी निभाई। आइआइटी आइएसएम के लिए हेमंत मिश्रा ने 25 पर दो विकेट लिए। सुप्रभात मंडल, रिषभ मिलन पांडेय, महेश व शिवराम को एक-एक विकेट मिला।
बाद में आइआइटी आइएसएम की टीम 18.3 ओवर में 105 रनों पर आउट हो गई। रिषभ मिलन पांडेय ने 16, अनिर्बन घोषाल ने 16, शिवराम ने 14, महेश ने अविजित 12 रन बनाए। बीसीसीएल के सिद्धार्थ ने 20, मुकेश कुमार ने 24, इंद्रजीत कुमार ने नौ और शिवराम कुमार ने 19 रन देते हुए दो-दो विकेट लिए। सिद्धार्थ सुमन को प्लेयर आफ द मैच चुना गया। उन्हें यह पुरस्कार धनबाद के डीएसपी (विधि-व्यवस्था) नौशाद आलम ने प्रदान किया।
वहीं दूसरे सेमीफाइनल में जिला प्रशासन के विरुद्ध एमपीएल ने टास जीता और पहले बल्लेबाजी की। पारी के बीच में वर्षा हुई तो मैच 18 ओवर तक सीमित कर दिया। इसमें सात विकेट पर उसने 100 रन बनाए। रूपेश कुमार सिंह ने 21, भानु प्रताप सिंह ने 19, नंदकिशोर महतो ने अविजित 12 ओर अमित कुमार सिंह ने 10 रन बनाए। जिला प्रशासन की ओर से एसएसपी एचपी जनार्दनन ने 19 रन पर चार और पिंटू मुखर्जी ने 17 पर दो विकेट लिए। बाद में जिला प्रशासन ने 14.2 ओवर में पांच विकेट पर 101 रन बनाकर मैच पांच विकेट से जीत लिया। दीपक बहादुर ने 39 अच्छे रन बनाए और वे अंत तक आउट नहीं हुए। नौशाद आलम ने 22, मुकेश कुमार ने 15 और आशुतोष भारती ने 12 रन बनाए। प्लेयर आफ द मैच एचपी जनार्दनन को चुना गया। उन्हें यह पुरस्कार जेएससीए के कार्यकारिणी सदस्य बिनय कुमार सिंह ने प्रदान किया।

